क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग में इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत होती है जिससे एनवायरमेंट को नुकसान पहुंचने की आशंका है। Wikimedia Foundation का लक्ष्य एनवायरमेंट को बेहतर बनाना और कार्बन एमिशन पर नियंत्रण रखना है। क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़ी फर्में इस इंडस्ट्री को एनवायरमेंट के लिहाज से बेहतर बनाने के लिए काम कर रही हैं। उदाहरण के लिए, इंटेल ने एक नए बिटकॉइन माइनिंग चिप की घोषणा की है जिसका डिजाइन क्रिप्टो माइनिंग की एनर्जी एफिशिएंसी में सुधार करने के लिए बनाया गया है। हालांकि, Wikimedia के कुछ मेंबर्स ने क्रिप्टो में डोनेशंस लेने का समर्थन भी किया है। इनका कहना है कि सामान्य करेंसीज भी बहुत अधिक एनवायरमेंट फ्रेंडली नहीं हैं।
क्रिप्टो डोनेशंस के पक्ष में दिए गए तर्कों की जानकारी Wikimedia कम्युनिटी ने एक ब्लॉग पोस्ट में दी है। इसमें इलेक्ट्रिसिटी की कम खपत करने वाली क्रिप्टोकरेंसीज का विकल्प, क्रिप्टोकरेंसीज से डोनेशन का सुरक्षित तरीका उपलब्ध होना और सामान्य करेंसीज से भी एनवायरमेंट पर असर पड़ना शामिल हैं। Wikimedia Foundation ने इससे पहले बताया था कि उसे पिछले वित्त वर्ष में लगभग 1.30 लाख डॉलर की क्रिप्टोकरेंसीज में डोनेशन मिली है।
यह पहली बार नहीं है कि जब Wikimedia कम्युनिटी ने क्रिप्टो से जुड़ी मुद्दों पर विरोध जताया है। इस वर्ष की शुरुआत में Wikipedia के कुछ एडिटर्स ने नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) के आर्ट से जुड़ा होने के खिलाफ वोट दिया था। क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग में इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत का कुछ देशों में भी काफी विरोध हुआ है। चीन ने इस कारण से पिछले वर्ष क्रिप्टो माइनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था। अमेरिका के टेक्सस में क्रिप्टो माइनिंग के कारण इलेक्ट्रिसिटी की कमी होने से लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। ईरान ने इसी कारण से हाल ही में बिटकॉइन माइनिंग पर तीन महीने की रोक लगाई थी। कजाकिस्तान में भी अवैध तौर पर होने वाली क्रिप्टो माइनिंग से इलेक्ट्रिसिटी की भारी कमी हुई थी।
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