क्या
होता
है
एट-होम
कोरोना
वायरस
टेस्ट?
कोरोना
टेस्ट
के
लिए
रैपिड
एंटीजन
या
RT-PCR
करवाने
होते
हैं।
इन
सभी
टेस्ट
के
लिए
मेडिकल
एक्सपर्ट
और
लैब
की
जरूरत
होती
है।
कोरोना
का
एट-होम
टेस्ट
आसान
विकल्प
है।
ये
प्रेग्नेंसी
टेस्ट
किट
की
तरह
होता
है।
इसमें
सैंपल
डालकर
15
से
20
मिनट
में
रिजल्ट
मालूम
किया
जा
सकता
है।
इंडियन
काउंसिल
ऑफ
मेडिकल
रिसर्च
(ICMR)
ने
कई
होम
टेस्टिंग
किट्स
को
मंजूरी
दी
है।
ये
मार्केट
में
250-500
रुपए
की
रेंज
में
उपलब्ध
हैं।
एट-होम
कोरोना
टेस्ट
के
रिजल्ट
कितने
सटीक
होते
हैं?
विशेषज्ञों
का
मानना
है
कि
SARS-CoV-2
के
केस
में
एट-होम
कोरोना
टेस्ट
अधिकतर
सही
रिजल्ट
देता
है।
केवल
15
मिनट
में
व्यक्ति
को
पता
चल
जाता
है
कि
वो
कोविड
पॉजिटिव
है
या
नहीं।
हालांकि,
RT-PCR
टेस्ट
की
तुलना
में
ये
ज्यादा
एक्यूरेट
नहीं
होता
है।
RT-PCR
टेस्ट
से
कितना
अलग?
भारत
सरकार
रियल
टाइम
पोलीमरेज
चेन
रिएक्शन
(RT-PCR)
के
रिजल्ट
को
सबसे
सटीक
माना
जाता
है।
इसमें
मरीज
की
नाक
या
गले
से
सैंपल
लिया
जाता
है।
ये
टेस्ट
लैब
में
4-5
घंटों
तक
किया
जाता
है।
इसमें
राइबोन्यूक्लिक
एसिड
(RNA)
की
जांच
की
जाती
है,
जो
कि
वायरस
का
जेनेटिक
मटेरियल
होता
है।
अगर
सैंपल
का
जेनेटिक
सीक्वेंस
कोरोना
वायरस
के
जेनेटिक
सीक्वेंस
से
मेल
खाता
है,
तो
मरीज
को
कोविड
पॉजिटिव
माना
जाता
है।
एट-होम
कोरोना
टेस्ट
एक
रैपिड
एंटीजन
टेस्ट
है।
इसमें
सैंपल
निकालने
का
तरीका
RT-PCR
के
समान
है,
लेकिन
इसमें
लैब
में
जाने
के
बजाय
इसे
घर
पर
ही
किया
जा
सकता
है।
ये
शरीर
में
वायरस
का
पता
तुरंत
लगाने
के
लिए
इस्तेमाल
किया
जाता
है।
रैपिड
एंटीजन
टेस्ट
वायरस
की
सतह
पर
मिलने
वाले
प्रोटीन
और
मॉलिक्यूल्स
का
पता
लगाता
है।
विशेषज्ञों
की
माने
तो
दोनों
ही
टेस्ट
कोरोना
वायरस
की
ओरिजिनल
स्ट्रेन
को
पकड़ने
में
कारगर
हैं।
हालांकि,
ओमिक्रॉन
वैरिएंट
के
बारे
में
एट-होम
टेस्ट
में
पता
लगाना
कभी-कभी
मुश्किल
हो
जाता
है।
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