Sunday, January 2, 2022
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एक ही बीमारी से जूझ रहे प्रियंका के पति निक और सोनम कपूर, जिसका नहीं है कोई इलाज, जानें लक्षण


भूपेंद्र राय/ symptoms of type 1 diabetes: बॉलीवुड सेलिब्रिटीज अपने फिगर और बॉडी को मेंटेन करने के लिए क्या कुछ नहीं करते. फिटनेट ठीक रहे इसके लिए उनका न्यूट्रिशनिस्ट से डाइट लेने, जिमिंग से लेकर एक्सरसाइज तक पूरा डेली रूटीन फिक्स रहता है, इसके बाद भी कई ऐसे सितारे हैं, जो किसी क्रॉनिक बीमारी से जूझ रहे हैं और उसे मैनेज भी करते हैं. अभिनेत्री सोनम कपूर और एक्ट्रेस प्रियंका के पति निक जोनस को एक जैसी लाइलाज बीमारी है, जिसका नाम है टाइप-1 डायबिटीज. 

सोनम को 17 तो निक को 13 साल की उम्र में हुई थी बीमारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोनम को 17 साल की उम्र ये बीमारी हुई थी. इस बीमारी को कंट्रोल करने के लिये सोनम को इंसुलिन लेना पड़ता है. वहीं पिछले साल निक जोनस ने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर किया था, जिसमें उन्होंने अपनी बीमारी के बारे में बताया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, निक को 13 साल की उम्र में ये बीमारी हो गई थी. 

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, डायबिटीज (मधुमेह) एक क्रॉनिक यानी लंबे समय तक रहने वाली स्वास्थ्य समस्या है, जो शरीर द्वारा खाने को ऊर्जा के लिए इस्तेमाल करने की प्रक्रिया प्रभावित करती है. इस खबर में हम टाइप-1 डायबिटीज के बारे में जानेंगे….

जब कोई डायबिटीज से पीड़ित होता है तो क्या होता है?
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन कहता है कि हम जो कुछ खाते हैं, शरीर उसे शुगर (ग्लूकोज) में तोड़कर ब्लड (रक्त) में रिलीज कर देता है. जब ब्लड में शुगर (ग्लूकोज) का स्तर ज्यादा बढ़ने लगता है, तो पैंक्रियाज को इंसुलिन हॉर्मोन रिलीज करने का संकेत मिलता है. इंसुलिन कोशिकाओं के द्वारा ग्लूकोज की खपत को तेज करने में मदद करता है. जिससे ब्लड शुगर का लेवल कंट्रोल में आ जाता है. लेकिन डायबिटीज के अंदर शरीर में इंसुलिन का उत्पादन अपर्याप्त हो जाता है या फिर शरीर इंसुलिन के प्रति असंवेदनशील हो जाता है.

टाइप-1 डायबिटीज क्या है? (what is type 1 diabetes)
डायबिटीज के चार प्रकार हो सकते हैं. जिनमें से एक टाइप-1 डायबिटीज भी है.  मधुमेह के इस प्रकार में इम्यून सिस्टम गलती से इंसुलिन उत्पादन करने वाली पैंक्रियाज की सेल्स को नष्ट करने लगता है. जिससे शरीर में इंसुलिन की मात्रा बिल्कुल कम या ना के बराबर हो जाती है. आमतौर पर यह समस्या बचपन व किशोरावस्था में देखने को मिलती है. इसलिए इसे जुवेनाइल डायबिटीज (juvenile diabetes) या इंसुलिन-डिपेंडेंट डायबिटीज (insulin-dependent diabetes) भी कहा जाता है.

टाइप-1 डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of type 1 diabetes)

  1. बहुत ज्यादा प्यास लगना
  2. ज्यादा बार पेशाब आना
  3. थकावट और सुस्ती महसूस होना
  4. त्वचा पर कट या घाव धीरे-धीरे ठीक होना
  5. अक्सर भूखा महसूस होना
  6. खुजली
  7. त्वचा संक्रमण
  8. धुंधला दिखना
  9. बगैर कारण पता चले शरीर का वजन घटना
  10. बार-बार मूड बदलना
  11. सिर दर्द
  12. चक्कर आना

किन लोगों को होती है डायबिटीज
यह बीमारी बचपन में किसी को भी हो सकती है, लेकिन यह अक्‍सर 6 से 18 साल की उम्र वाले बच्‍चों को ज्‍यादा होती है. 

मधुमेह के कारण हो सकती है ये गंभीर बीमारियां
सीडीसी (Centers for Disease Control and Prevention) कहता है कि अगर मधुमेह को नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह दूसरी गंभीर बीमारियां विकसित होने का कारण बन सकता है. जैसे-

  • हार्ट अटैक
  • नजर का धुंधलापन
  • नसों को नुकसान
  • गम्भीर इंफेक्शन्स
  • किडनी फेलियर
  • दिल के रोग
  • मोटापा

टाइप-1 डायबिटीज का इलाज
मायोक्लीनिक कहता है कि, कई रिसर्च के बावजूद टाइप-1 डायबिटीज का कोई इलाज डॉक्टर के पास नहीं है. जिसके कारण इंसुलिन इंजेक्शन, डाइट और लाइफस्टाइल की मदद से ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने की कोशिश की जाती है. वरना, इसके कारण दिल की बीमारी, किडनी डैमेज, नर्व डैमेज, आई डैमेज आदि समस्याएं हो सकती हैं.

डायबिटीज कंट्रोल करने का तरीका
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ए1सी टेस्ट, फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट, ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट, रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट आदि के द्वारा मधुमेह की जांच (Diabetes Tests) होने के बाद बीमारी की गंभीरता के मुताबिक इसका इलाज किया जाता है. जिन लोगों में गंभीर मधुमेह होता है, उन्हें इंसुलिन इंजेक्शन दिए जाते हैं. लेकिन कम गंभीर लोगों में जीवनशैली में बदलाव करके डायबिटीज को कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है. जैसे-

नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करें.

  1. एक्सरसाइज करें.
  2. धूम्रपान व शराब का सेवन ना करें.
  3. किसी भी अधिक शुगर वाले फूड का सेवन ना करें.
  4. वजन को संतुलित रखें.
  5. फास्ट फूड और कार्बोनेटेड ड्रिंक का सेवन ना करें.
  6. कम मात्रा में खाना खाएं.
  7. रोजाना 20 से 30 मिनट एक्सरसाइज, योगा आदि का अभ्यास करें.
  8. ब्लड शुगर बढ़ने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें, आदि.

टाइप-1 डायबिटीज के मरीज अपनी डायट में शामिल करें ये सुपरफूड्स

  • हरी पत्तेदार सब्ज़ियां
  • खट्टे फल
  • शकरकंद
  • बेरीज़
  • टमाटर
  • ओमेगा-3 फैटी एसिड्स वाली मछलियां
  • साबुत अनाज
  • नट्स
  • फैट-फ्री दही और दूध
  • बीन्स

यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.​​​

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