इटली में वर्चुअल टेलीस्कोप प्रोजेक्ट के एक खगोलशास्त्री ने 30 जनवरी को इस एस्टरॉयड को हमारी ओर आते हुए तस्वीर में कैद किया है। खगोलविद- जियानलुका मासी ने पृथ्वी-बेस्ड टेलीस्कोप का इस्तेमाल करके इसे नोटिस किया। तब यह पृथ्वी से 35 मिलियन किलोमीटर दूर था।
वर्चुअल टेलीस्कोप प्रोजेक्ट की वेबसाइट पर शेयर की गई इमेज में एस्टरॉयड को एक छोटे सफेद बिंदु के रूप में देखा जा सकता है।
Newsweek की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह एस्टरॉयड 384 दिनों में सूर्य का एक चक्कर लगाता है। यह पृथ्वी द्वारा सूर्य के चारों ओर लगने वाले चक्कर के समय से थोड़ा अधिक है। एस्टरॉयड को ‘संभावित रूप से खतरनाक’ के रूप में कैटिगराइज करने का यह मतलब नहीं है कि एस्टरॉयड हमें नुकसान पहुंचा सकता है। इसका मतलब है कि यह हमारे बेहद करीब आने में सक्षम है। कैटिगराइज करते वक्त एस्टरॉयड के आकार को भी ध्यान में रखा जाता है। पिछले महीने एक और एस्टरॉयड पृथ्वी के नजदीक आया था। 7482 (1994 PC1) नाम का वह एस्टरॉयड 1 किलोमीटर से ज्यादा चौड़ा था और 18 जनवरी को पृथ्वी के करीब से गुजरा था।
अभी तक किसी एस्टरॉयड के पृथ्वी से टकराने के खतरे का पता नहीं चला है, लेकिन भविष्य में ऐसी स्थिति पैदा होने पर उससे निपटने के लिए नासा काम कर रही है। नासा ने डबल एस्टरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (DART) मिशन शुरू किया है। इसके तहत स्पेसक्राफ्ट को एस्टरॉयड से टकराया जाना है, ताकि उसे प्रक्षेपवक्र (trajectory) में बदलाव के लिए प्रेरित किया जा सके। इस साल सितंबर-अक्टूबर में यह क्रैश कराया जा सकता है।
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