रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2030 तक पूरी तरह से कार्बन-न्यूट्रल होने का लक्ष्य भी कंपनी ने बनाया है। इंग्लैंड के क्रेवे प्लांट में कंपनी ने अगले 10 साल में 3 बिलियन यूरो (लगभग 25,154 करोड़ रुपये) का निवेश तय किया है। बेंटले में फाइनेंस और IT बोर्ड के मेंबर जान-हेनरिक लाफ्रेंट्ज ने कहा कि फैक्ट्री में नए निवेश से कंपनी हाइब्रिड मॉडलों में भी बेंचमार्क बनने के लिए काम करेगी।
दुनियाभर में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) का क्रेज और मांग बढ़ती जा रही है। भारत में भी पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते लोग इलेक्ट्रिक गाड़ियों का रुख कर रहे हैं। बीते दिनों एक रिपोर्ट में बताया गया था कि पहली बार इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने वाले लोग गैसोलीन पर चलने वाली कारों में स्विच करने को लेकर अनिच्छुक थे।
JD Power की रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी। यह स्थिति तब है, जब चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की मौजूदगी को लेकर सवाल बरकरार है। लोगों में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के क्रेज का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमेरिका में EV की बिक्री इस साल की शुरुआत में 4 लाख 34 हजार 879 नई यूनिट्स के साथ रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। हालांकि हाइब्रिड गाड़ियों की मांग ज्यादा मजबूत रही, क्योंकि कई कस्टमर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ज्यादा कीमत, लिमिटेड ड्राइविंग रेंज और चार्जिंग स्टेशनों की कमी के कारण इन्हें नहीं खरीद पाए।
स्टडी में पता चला है कि टेस्ला का ‘मॉडल 3′ प्रीमियम BEV सेगमेंट में 777 स्कोर के साथ सबसे टॉप पर है। वहीं, मास मार्केट BEV सेगमेंट में Kia Niro EV लगातार दूसरे साल टॉप पर रही। इस कार को 744 स्कोर मिला है।
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