Priyanka Chopra was suffered from asthma: बॉलीवुड और हॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बना चुकीं एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा अस्थमा पेशेंट हैं. प्रियंका चोपड़ा ने एक ट्विट कर बताया था कि उन्हें 5 साल की उम्र से अस्थमा है, लेकिन अस्थमा भी उन्हें उनके सपनों को पूरा करने से नहीं रोक सका. उन्होंने न सिर्फ इस बीमारी को कंट्रोल किया बल्कि दूसरों को भी इसके बारे में जागरुक किया. क्या आप जानते हैं कि जिस बीमारी के बारे में प्रियंका चोपड़ा ने सामना किया है वो कितनी खतरनाक हो सकती है?
अस्थमा को लेकर कहा जाता है कि ये एक लाइलाज बीमारी है और इसके खत्म करना नामुमकिन है, इससे जान भी जा सकती है, हालांकि कुछ सही लाइफस्टाइल और डॉक्टरों के मार्गदर्शन में इसे कंट्रोल किया जा सकता है. दुनियाभर में ये बीमारी इतना ज्यादा फैल चुकी है कि लोगों को इसके बारे में जागरुक करने के लिए 7 मई को वर्ल्ड अस्थमा डे भी मनाया जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत में 10 में से एक व्यक्ति अस्थमा से प्रभावित है.
इस खबर में हम आपके लिए अस्थमा क्या है, इसे कैसे कंट्रोल किया जा सकता है, इसके अलावा इससे होने के कारण और बचने के उपायों के बारे में जानकारी दे रहे हैं.
क्या है अस्थमा? (what is asthma)
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, अस्थमा को दमा भी कहते हैं. यह श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारी है. अस्थमा का सीधा कनेक्शन सांस लेने में होने वाली प्रॉब्लम से होता है. इससे श्वास नलियों में सूजन से चिपचिपा बलगम इकट्ठा होने लगता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ होने लगती है. इस बीमारी में सीने में दर्द, लगातार खांसी आना जैसी प्रॉब्लम का होना आम हो जाता है. अस्थमा किसी भी उम्र में यहां तक कि नवजात शिशुओं में भी हो सकता है.
आखिर क्यों होती है अस्थमा की बीमारी?
अस्थमा होने के कई कारण हैं, लेकिन इसमें मुख्य कारण एलर्जी है. इसके साथ ही मौसम में बदलाव की वजह से होने वाले वायरल इंफेक्शन की वजह से भी अस्थमा बढ़ जाता है. परफ्यूम, हेयर स्प्रे आदि चीजों की गंध से भी अस्थमा के अटैक का खतरा बढ़ जाता है. पर्यावरण प्रदूषण की वजह से भी अस्थमा बढ़ने की संभावना रहती हैं.
बच्चों से लेकर बुजुर्गों के लिए खतरा
पहले यह बीमारी उम्रदराज लोगों में अधिक देखने को मिलती थी, लेकिन अब छोटे बच्चों को भी यह बीमारी हो रही है. अस्थमा का शुरू में इलाज दवाओं से होता है, लेकिन समस्या गंभीर होने पर डॉक्टर कई बार मरीज को इन्हेलर की सलाह देते हैं, लेकिन बिना डॉक्टरी सलाह पर इसका इस्तेमाल नुकसानदायक होता है. इसलिए इसे डॉक्टरी सलाह पर ही लें.
कैसे पता चलेगा कि आपको अस्थमा है?
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, यह बताना मुश्किल हो सकता है कि किसी को अस्थमा है या नहीं, खासकर 5 साल से कम उम्र के बच्चों में. इसके लिए डॉक्टर से जांच करवाएं कि आपके फेफड़े कितनी अच्छी तरह काम करते हैं और एलर्जी की जांच करने से आपको यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि आपको अस्थमा है या नहीं.
अस्थमा के लक्षण (symptoms of asthma)
1. बार-बार होने वाली खांसी
2. सांस लेते समय सीटी की आवाज
3. छाती में जकड़न
4. दम फूलना
5. खांसी के साथ कफ न निकल पाना
6. बेचैनी होना
7. फोन पर बात करने में हांफने लगना
अस्थमा अटैक क्या है? (what is asthma attack)
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, अस्थमा के दौरे में खांसी, सीने में जकड़न, घरघराहट और सांस लेने में परेशानी शामिल हो सकती है. इस दौरान हमला आपके शरीर के वायुमार्ग में होता है, जो फेफड़ों तक हवा ले जाने वाले मार्ग हैं, जैसे-जैसे हवा आपके फेफड़ों से गुजरती है. अस्थमा के दौरे के दौरान, आपके फेफड़ों में वायुमार्ग के किनारे सूज जाते हैं और वायुमार्ग सिकुड़ जाते हैं. आपके फेफड़ों से कम हवा अंदर और बाहर जाती है और श्लेष्मा जो आपके शरीर को बनाता है, वायुमार्ग को बंद कर देता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अस्थमा के मरीज को अपने पास इनहेलर रखना चाहिए, लेकिन इसका इस्तेमाल मुश्किल कंडीशन के दौरान ही करना चाहिए, इसके इस्तेमाल के लिए आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं.
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इन चीजों से बढ़ती है अस्थमा की समस्या
देश के मश्हूर आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, अगर आप अस्थमा के मरीज हैं तो चावल, दही, दूध, छाछ, अमचूर, इमली, शराब, मांस, चिकन, गुड़, चना और आइसक्रीम से परहेज करें. इसके अलावा आपको अंडे और उससे बने उत्पादों का सेवन भी नहीं करना चाहिए. क्योंकि इससे स्किन एलर्जी की समस्या हो सकती है. वहीं तुले हुए आइटम खाने से बचें.
अस्थमा के मरीजों के लिए फायदेमंद चीजें
आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी अस्थमा के मरीजों के लिए सुबह शहद का सेवन करने की सलाह देते हैं. इसके अलावा डाइट में हरी सब्जियां, शलगम, पुदीना, अदरक, लहसुन, ब्रोकली को शामिल कर सकते हैं. वहीं विटामिन सी वाले खाद्य पदार्थ जैसे खरबूज, तरबूज, पपीता, अंगूर, कीवी, आंवला, अनार, सेब, खजूर भी अस्थमा के मरीजों के लिए लाभकारी हैं. इसके अलावा तुलसी की चाय या कॉफी पीना फायदेमंद होता है, लेकिन दिन में 2 बार से ज्यादा कॉफी का सेवन न करें.
अस्थमा के मरीजों को कुछ सामान्य बातों का ध्यान रखना चाहिए.
- दमा के मरीज को बारिश और सर्दी और धूल भरी जगह से बचना चाहिए, क्योंकि बारिश के मौसम में नमी के बढ़ने से संक्रमण बढ़ने की संभावना होती है.
- ज्यादा ठंडे और ज्यादा नमी वाले वातावरण में नहीं रहना चाहिए, इससे अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं.
- घर से बाहर निकलने पर मास्क लगा कर निकलें और सर्दी के मौसम में धुंध में जाने से बचें.
- धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों से दूर रहें.
- तरबूज, अनार और अंगूर नहीं लेना है.
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यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.