दो अंगूठियों के आकार वाली कार्टव्हील आकाशगंगा पृथ्वी से 500 मिलियन प्रकाशवर्ष दूर स्थित है। यह एक स्पाइरल आकाशगंगा है, जो कई लाख साल पहले अपनी पड़ोसी एक छोटी आकाशगंगा से मिल गई थी। इसी वजह से इसकी दो-अंगूठी वाली आकृति बन गई थी।
इसमें स्थित तारे में हुए विस्फोट को तस्वीरों में कैद करने के लिए ESO के न्यू टेक्नोलॉजी टेलीस्कोप (NTT) का इस्तेमाल किया गया। यह टेलीस्कोप चिली में मौजदू है। खगोलविदों को दिसंबर 2021 में स्नैपशॉट मिला, जिसके बाद उन्हें आकाशगंगा के निचले-बाएं इलाके में सुपरनोवा के होने का पता चला।
किसी तारे में होने वाले विस्फोट को कई महीनों और वर्षों तक देखा जा सकता है। कार्टव्हील आकाशगंगा का सुपरनोवा एकदम नया लगता है। ESO ने इस आकाशगंगा की साल 2014 में ली गई तस्वीरों की तुलना की, तो उन्हें तब कोई सुपरनोवा नहीं दिखाई दिया।
कार्टव्हील सुपरनोवा को कैप्चर करने के लिए साइंटिस्ट ने हवाई में नासा के एस्टरॉयड टेरस्टियल इम्पैक्ट अलर्ट सिस्टम का भी इस्तेमाल किया है। इन डिवाइसेज और डेटा का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने कन्फर्म किया कि हाल में हुआ विस्फोट टाइप II सुपरनोवा था।
कुछ अनोखी खोजों की बात करें, तो इस साल की शुरुआत में वैज्ञानिकों ने आलू की तरह दिखने वाले एक ग्रह की खोज भी की है। रिसर्चर्स ने WASP-103b नाम के एक ग्रह की खोज की है, जो पृथ्वी से लगभग 1,500 प्रकाश वर्ष दूर है। इसके बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि इसका आकार आलू या रग्बी बॉल जैसा है। लेकिन यह ग्रह अजीब आकार का क्यों है? खगोलविदों का कहना है कि WASP-103b एक F-प्रकार के तारे के चारों ओर स्थित है। यह तारा हमारे सूर्य से बड़ा है। यह ग्रह भी बड़ा है। बृहस्पति से भी डेढ़ गुना है। ग्रह अपने तारे के नजदीक होने की वजह से आलू के आकार का है।