नई दिल्ली. बीता साल यानी 2021 ऑटो इंडस्ट्री के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा. 2020 से मिली सीख ने कुछ हद तक ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) ने ऑटो सेक्टर में काफी इम्प्रूवमेंट्स किए. कोविड -19 महामारी से लेकर सेमीकंडक्टर की ग्लोबल कमी तक ये साल भी ऑटो सेक्टर के लिए चैलेंजिंग साबित हुआ. हालांकि अब भी दुनिया में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में इस साल भी इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि ये साल भी ऑटो इंडस्ट्री के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
हालांकि, अगले कुछ महीनों में चीजें बेहतर होने की उम्मीद हैं. ऑटो मार्केट की प्लानिंग को तैयारियों को देखते हुए हम 2022 में काफी चीजों में नए सुधार देख पाएंगे. इस साल हमें ऑटो इंडस्ट्री में 5 नए बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं.
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1. ट्रैवल पर पाबंदियों से मिलेगी राहत
COVID-19 मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कई देशों ने फिर से ट्रैवल पर पाबंदियां लगानी शुरू कर दी हैं. भारत में भी कई राज्यों ने नाइट कर्फ्यू की घोषणा की है. उम्मीद की जा रही है कि मामले कंट्रोल में आ जाएंगे, इसलिए कम से कम देश के भीतर ट्रैवल पर पाबंदियां नहीं रहेगी. ऐसे में भारत में ऑटो इंडस्ट्री की ग्रोथ बनी रहेगी.
2. कई नई कार होगी लॉन्च
कोविड -19 और चिप की कमी ने भी कई मॉडलों की लॉन्च समयसीमा को प्रभावित किया है. स्कोडा कोडिएक फेसलिफ्ट, ऑडी क्यू7, न्यू-जेन महिंद्रा स्कॉर्पियो जैसी कारें, जिन्हें 2021 में लॉन्च किया जाना था, जिनकी अब इस साल आने की आशंका है. निश्चित रूप से किआ कैरेंस और नई जनरेशन की मारुति सुजुकी ऑल्टो की तरह ही इस साल आने की उम्मीद है. इसलिए हम 2022 में कई नई कारों को चलाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
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3. ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल का चलने तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की बात करें तो हम अब भी काफी पीछे हैं. वहीं 300 किलोमीटर की रेंज वाले व्हीकल भी ग्राहकों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं. हालांकि इस साल हम बाजार में कई नए ईवी मॉडल के लॉन्च के लिए तैयार हैं. उम्मीद है कि देश में चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार हो सकता है. विशेष रूप से फास्ट चार्जर, जो उपभोक्ताओं की रेंज की चिंता में मदद कर सकते हैं. दरअसल, इससे पहले नवंबर 2021 में, इंडियन ऑयल ने कहा है कि वह अगले तीन सालों में पूरे भारत में 10,000 से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग स्टेशन स्थापित करेगा. इस तरह की और परियोजनाओं से निश्चित रूप से मदद मिलेगी.
4. पूरी होगी सेमीकंडक्टर चिप की कमी
कोविड से जुड़ी पाबंदियों से ज्यादा दुनिया भर में ऑटो सेक्टर के लिए सबसे बड़ी चुनौती सेमीकंडक्टर चिप्स की कमी रही है. इसने व्हीकल प्रोडक्शन और बिक्री दोनों को बुरी तरह प्रभावित किया हैं. उम्मीद है कि 2022 में चीजें बेहतर होंगी. मौजूदा चिप निर्माता उत्पादन में तेजी ला रहे हैं और नई सुविधाएं स्थापित करने की योजना बना रहे हैं. टाटा ग्रूप समेत कई कंपनियों ने 2023 तक भारत में सेमीकंडक्टर का उत्पादन शुरू करने का फैसला किया है. यह निश्चित रूप से उत्पादन को में आई कमी को पूरा करेगा.
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5. वेटिंग लिस्ट टाइम पीरियड को कम करना
इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट्स की कमी का सीधा परिणाम शोरूम में इन्वेंट्री कम है, जिसके कारण व्हीकल की वेटिंग लिस्ट और टाइम पीरियड काफी लंबा हो गया है. यह सबसे बड़े फेक्टर्स में से एक है जो ग्राहकों को नई कार खरीदने से रोक रहा है. दरअसल, देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया में एवरेज 9-12 हफ्ते का वेटिंग पीरियड देखने को मिल रहा है. बेहतर चिप उपलब्धता और सुव्यवस्थित उत्पादन के साथ, हमें उम्मीद है कि 2022 में वाहनों की टाइम पीरियड टाइम पीरियड कम हो जाएगा.
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