- इस साल मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी के दिन पड़ेगा।
- मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल- दोपहर 02.43 से शाम 05.45 तक.
- पुण्य काल की कुल अवधि- 03 घंटे 02 मिनट.
- मकर संक्रांति के दिन महा पुण्यकाल- दोपहर 02.43 से 04:28 तक.
- कुल अवधि – 01 घण्टा 45 मिनट
महत्त्व
मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण में प्रवेश करते हैं। यानि धनु से मकर राशि में सूर्य के प्रवेश करने पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। मान्यतानुसार इस दिन से खरमास भी समाप्त होता है और ऋतू में भी परिवर्तन होता है। इस दिन से शुभ दिनों की शुरुआत हो जाती है। यही समय होता है जब खेतों में चावल, गन्ना आदि की फसल कट चुकी होती है। मकर संक्रांति पर सबसे खास स्नान और दान का महत्वमाना जाता है। इस दिन दान में खिचड़ी को सबसे उत्तम बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन दान पुण्य करने से और पवित्र नदी के स्नान करने से कई जन्मों के बराबर शुभ फलों की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मकर संक्रांति के दिन भगवान शिव ने भगवान विष्णु को आत्मज्ञान का दान दिया था। महाभारत की कथा के अनुसार भीष्म पितामह ने मकर संक्रांति के दिन ही अपनी देह का त्याग किया था इसलिए इसका महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है।
14 जनवरी २०२२ गुरुवार को मकर संक्रांति इस बार बेहद शुभ योग में मनाई जा रही है। मकर संक्रांति पर इस बार बेहद दुर्लभ योग बना है। विशेषयग्यो के अनुसार इस बार 5 गृह एक साथ एक ही राशि यानि मकर राशि में रहेंगे।
14 जनवरी को ग्रहों के विशेष संयोग सूर्य, शनि, बुध, गुरु और चन्द्रमा के मिलान से हो रहा है इस के अलमा मकर संक्रांति गुरुवार के दिन मनाया जा रहा है। माना जा रहा ह इस बार करिअर के लिहाज से इस बार कुछ राशिओ को खास लाभ हो सकता है।