बीमारी के मारे, ये सितारे/सुरेंद्र अग्रवाल: एक्टर कमल हासन Tollywood के एक दिग्गज अभिनेता है. जिनकी अदाकारी के दीवाने बॉलीवुड में भी बहुत ज्यादा हैं. उन्होंने बॉलीवुड को Chachi 420, सदमा जैसी यादगार फिल्में दी हैं. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि Actor Kamal Haasan एक ऐसी बीमारी के शिकार हैं, जिसका कोई इलाज पास नहीं है. यह बीमारी टाइप-1 डायबिटीज है. जिसे सिर्फ मैनेज व कंट्रोल करके ही जिंदगी गुजारनी पड़ती है. आइए जानते हैं कि टाइप-1 डायबिटीज क्या है?
What is Type-1 Diabetes: टाइप-1 डायबिटीज क्या है?
CDC कहता है कि टाइप-1 डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है, जो कि मधुमेह का एक प्रकार है. इसको इंसुलिन-डिपेंडेंट डायबिटीज या जुवेनाइल डायबिटीज भी कहा जाता है. जो कि किसी भी उम्र के लोगों को शिकार बना सकती है. हालांकि, यह ज्यादातर बच्चों में दिखती है. इस बीमारी में पैंक्रियाज इंसुलिन हॉर्मोन का उत्पादन कम करने लगता है या बिल्कुल बंद कर देता है. यह हॉर्मोन शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल व रेगुलेट करता है.
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टाइप-1 डायबिटीज होने का कारण
सीडीसी के अनुसार, जब शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से पैंक्रियाज में इंसुलिन पैदा करने वाली बीटा सेल्स को डैमेज कर देता है, तो टाइप-1 डायबिटीज विकसित हो जाती है. यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जो कि माता-पिता या फैमिली में पीढ़ी दर पीढ़ी हो सकती है.
टाइप-1 डायबिटीज के लक्षण क्या हैं?
Mayoclinic के मुताबिक, टाइप-1 डायबिटीज के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं. जैसे-
- अचानक वजन घटना
- सोते हुए बिस्तर गीला करना
- आंखों की रोशनी धुंधली होना
- कई बार पेशाब आना
- बार-बार प्यास लगना
- अत्यधिक भूख लगना
- जल्दी थकान और कमजोरी महसूस होने लगती है, आदि
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टाइप-1 डायबिटीज के मरीज को कैसे गुजारनी होती है जिंदगी?
सीडीसी के मुताबिक, टाइप-1 डायबिटीज का कोई पुख्ता इलाज मौजूद नहीं है, इसलिए डायबिटिक पेशेंट को डायबिटीज के लक्षण मैनेज करने पड़ते हैं और जिंदगी सामान्य तरीके से चलती रहती है. जिसके लिए निम्नलिखित बदलाव जीवनैशली में करने पड़ते हैं. जैसे-
- इंसुलिन का इंजेक्शन लेना
- नियमित एक्सरसाइज और योगा का अभ्यास करना
- हेल्दी डाइट लेना
- ब्लड शुगर को नियमित मॉनिटर करना
- आंखों, किडनी और लिवर की विशेष देखभाल करना
- शरीर में ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को ना बढ़ने देना
- स्ट्रेस से दूर रहना, आदि
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.