पंचक 2022 : प्राचीन मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार चंद्रमा का गोचर जब घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती में होता है तो पंचक लगता है. वहीं जब चंद्रमा का गोचर कुंभ और मीन राशि में होता है, तो भी ‘पंचक’ की स्थिति बनती है. पंचक को ‘भदवा’ के नाम से जाना जाता है. मार्च के महीने में पंचक कब लगने जा रहा है, आइए जानते हैं.
पंचक कब है?
पंचांग के अनुसार 1 मार्च 2022, मंगलवार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को दोपहर 4 बजकर 32 मिनट से आरंभ होगा. इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र और चंद्रमा का गोचर मकर राशि में रहेगा.
पंचक समाप्त कब होगा?
पंचक का समापन पंचांग के अनुसार 6 मार्च 2022, रविवार को प्रात: 2 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा.इस दिन चतुर्थी की तिथि रहेगी और नक्षत्र अश्विनी रहेगा. चंद्रमा मेष राशि में विराजमान रहेगा.
अग्नि पंचक पर भूलकर भी न करें ये काम
मान्यता है कि अग्नि पंचक में मंगल से जुड़ी चीजों का प्रयोग बहुत सावधानी से करना चाहिए तथा अग्नि से बचना चाहिए. क्रोध से दूर रहना चाहिए और वाणी को मधुर बनाना चाहिए.
पंचक का नाम ऐसे तय होता है
पंचक जिस दिन से आरंभ होता है उस दिन के अनुसार ही इसका नाम तय होता है. पंचक जब रविवार से आरंभ होता है तो इसे रोग पंचक, सोमवार से प्रारंभ होने पर राज पंचक, मंगलवार के दिन जब पंचक प्रारंभ होता है तो इसे अग्नि पंचक, शुक्रवार से प्रारंभ होने वाला पंचक चोर पंचक और शनिवार से प्रारंभ होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है.पंचक में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. लेकिन जब बुधवार और गुरूवार से पंचक प्रारंभ होता है तो पंचक के पांच कार्यों के अतिरिक्त शुभ कार्य किए जा सकते हैं.
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