Monday, January 31, 2022
Homeटेक्नोलॉजीइलेक्ट्रिक कार खरीदनी चाहिए या पेट्रोल-डीजल कार? यहां जानिए दोनों के फायदे...

इलेक्ट्रिक कार खरीदनी चाहिए या पेट्रोल-डीजल कार? यहां जानिए दोनों के फायदे और नुकसान


Comparison in electric car and fuel car: आजकल हर तरफ इलेक्ट्रिक वाहनों की बात की जा रही है. सरकार भी इसे बढ़ावा देने के लिए काफी कोशिशें कर रही है. इससे जहां पर्यावरण को फायदा होगा, वहीं पारंपरिक फ्यूल डीजल और पेट्रोल पर निर्भरता भी कम होगी.

इन सबके बीच तमाम लोग इस बात को लेकर हमेशा कन्फ्यूजन में रहते हैं कि क्या इलेक्ट्रिक कार खरीदना उनके लिए फायदे का सौदा होगा या पेट्रोल-डीजल कार ही बेहतर है. तो आइए हम यहां बताते हैं कि दोनों के क्या-क्या फायदे हैं और क्या-क्या नुकसान हैं….

पहले बात, दोनों तरह की कारों की कीमत की
डीजल-पेट्रोल कार से तुलना की जाए तो अभी इलेक्ट्रिक कारों की कीमत काफी ज्यादा है. इसकी वजह से ये अभी बजट से बाहर हो जाती है. जहां एक सामान्य डीजल-पेट्रोल कार औसतन 5 लाख की आ जाती है, वहीं एक इलेक्ट्रिक कार की कीमत 20 लाख या उससे ऊपर होती है. उदाहरण के लिए हुंडई कोना की कीमत 25 लाख के करीब है. हालांकि, कार कंपनियां कम कीमत में इलेक्ट्रिक कारों को उतारने की लगातार कोशिश कर रही हैं.

ये भी पढ़ें- ये हैं 5 सबसे सस्ते इलेक्ट्रिक स्कूटर, खरीदकर हर महीने बचा सकते हैं हजारों रुपए

अब बात करते हैं ईंधन पर होने वाले खर्च की
कार को चलाने में ईंधन का जो खर्च आता है, उस मामले में इलेक्ट्रिक व्हीकल काफी सस्ता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रिक कार का ईंधन खर्च डीजल पेट्रोल कारों की तुलना में आधा होगा. लेकिन इन कारों की चार्जिंग एक बड़ी दिक्कत है, क्योंकि भारत में अभी प्रॉपर चार्जिंग स्टेशन नहीं बन पाए हैं. हालांकि, सरकार इन दिशा में लगातार कोशिश कर रही है.

वहीं, डीजल पेट्रोल कारों के लिए प्रॉपर इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद है. घर पर भी इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने में 6-7 घंटे का समय लगता है. और अगर आप तेजी से कार को चार्ज करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको फास्ट चार्जर का प्रयोग करना पड़ेगा जिसे खरीदने के लिए आपको और पैसे खर्च करने पड़ेंगे.

ये भी पढ़ें- कैसे पता करें चालान कटा या नहीं, जानिए e-challan से जुड़े हर सवाल का जवाब

मेंटेनेंस कॉस्ट में कितना अंतर?
मेंटेनेंस के मामले में भी इलेक्ट्रिक कार पर कम खर्च आता है. क्योंकि पारंपरिक फ्यूल वाली कारों में इंटरनल कम्बस्चन इंजन का प्रयोग किया जाता है, जिसकी वजह से इसमें इंजन ऑयल, कूलेंट, ट्रांसमिशन फ्यूल को बदलने जैसे काम करने पड़ते हैं. लेकिन इलेक्ट्रिक कारों में ये सब खर्चे नहीं हैं. पर इलेक्ट्रिक कार में उसकी बैटरी को लेकर खर्च है. चूंकि इलेक्ट्रिक कार का निर्माण अभी शुरुआती दौर में है इसलिए अनुमान लगाया जा रहा कि कारों की बैटरी की लाइफ 10 से 15 साल के बीच होगी. साथ ही एक बैटरी को रिप्लेस करने में करीब 70 हज़ार से 1 लाख रुपये तक का खर्च आएगा.

ये भी पढ़ें-  Sunroof वाली कार का शौक है तो ये सस्ती कारें हो सकती हैं आपके लिए बेहतरीन ऑप्शन, जानिए डिटेल्स

इस हिसाब से देखा जाए तो इलेक्ट्रिक कार पर मेंटेनेंस का खर्च एक हज़ार रुपये भी कम होगा. बाकी के जो मेंटेनेंस चार्जेज होते हैं जैसे ब्रेकिंग सिस्टम, कार की सीट, कलर-पेंट इत्यादि का खर्च तो दोनों में बराबर ही रहेगा.

परफॉर्मेंस भी मजेदार है ये कार
इलेक्ट्रिक कारों की परफॉर्मेंस भी काफी अच्छी होती है. डीजल और पेट्रोल कारों की तुलना में इनका पिक-अप काफी अच्छा होता है. साथ ही आवाज़ न होने की वजह से इसमें ट्रैवल करना काफी बेहतरीन अनुभव होगा.

Tags: Auto News, Car Bike News, Electric Car, Electric vehicle



Source link

  • Tags
  • electric car
  • electric car benefits and disadvantages
  • इलेक्ट्रिक कार के नुककान
  • इलेक्ट्रिक कार के फायदे
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular