ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट बताती है कि टेस्ला के सीईओ और राजनेताओं के बीच चल रही लड़ाई के बाद दान देने का कदम उठाया गया था। इन राजनेताओं में बर्नी सैंडर्स और एलिजाबेथ वॉरेन जैसे लोग शामिल थे। इन लोगों ने एलन मस्क जैसे अरबपतियों के शेयरों और दूसरी संपत्तियों पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया था। इनके निशाने पर खासतौर पर एलन मस्क की व्यक्तिगत संपत्ति थी। इन नेताओं का कहना था कि अमीरों को टैक्स के “उचित हिस्से” का भुगतान करने की जरूरत है।
बहरहाल, यह तो साफ नहीं है कि एलन मस्क ने अपने शेयर किसे दान किए हैं। हालांकि महीना भर पहले संयुक्त राष्ट्र के एक प्रोग्राम के बारे में आर्टिकल का जवाब देते हुए एलन ने ट्वीट किया था कि वह 6 अरब डॉलर का दान देंगे, अगर कोई समझा दे कि कैसे उनका पैसा दुनिया की भूख मिटा देगा।
इससे पहले नवंबर में एलन मस्क ने ट्विटर पर एक पोल में अपने फॉलोवर्स से पूछा था कि क्या टैक्स से बचने के आरोपों का मुकाबला करने के लिए उन्हें टेस्ला में अपने 10 फीसदी स्टॉक बेचने चाहिए। इस पर लगभग 58 फीसदी फॉलोवर्स ने हां में जवाब दिया था। अनुमान है कि एलन मस्क को यह टार्गेट पूरा करने के लिए करीब 17 मिलियन शेयर बेचने पड़ेंगे। नवंबर में उन्होंने 9 मिलियन से ज्यादा शेयर बेचे थे।
वहीं, पहले एक रिपोर्ट में कहा गया था कि इस साल टेस्ला किसी भी फेडरल टैक्स का भुगतान नहीं करेगी क्योंकि EV कंपनी की सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन के साथ हालिया वित्तीय फाइलिंग से पता चलता है कि उसका फेडरल टैक्स बिल कुछ भी नहीं है। हालांकि मस्क ने बताया कि उन्हें इंटरनल रेवेन्यू सर्विस को लगभग 11 अरब डॉलर के टैक्स बिलों का भुगतान करने की उम्मीद है।
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