Times of Israel की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल के रक्षा मंत्रालय ने इन संदेहास्पद अकाउंट्स पर हमास टेरर ग्रुप को सपोर्ट करने का आरोप लगाया है, खासकर इसकी मिलिट्री विंग को। आरोप है कि ये अकाउंट टेरर ग्रुप को करोड़ों डॉलर हर साल ग्रुप की फंडिंग के लिए ट्रांसफर करते थे।
इन अकाउंट्स के माध्यम से कितना पैसा ट्रांसफर किया गया, इसके बारे में जानकारी साझा नहीं की गई। इनके भंडाफोड़ में मिलिट्री के आदमियों ने भी पुलिस और मंत्रालय की मदद की। 1987 में बने हमास ग्रुप की एक मिलिट्री विंग है जिसे ‘इज़ अल-दिन अल-कासम ब्रिगेड्स’ के नाम से जाना जाता है। इसने 1990 से लेकर अब तक इजराइल के खिलाफ कई अटैक किए हैं जो इजराइल और फिलिस्तीनी जमीन पर हुए।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में हमास ने बिटकॉइन डोनेशन के लिए अपील की। इसने वेबसाइट को इस तरह से एडजस्ट किया कि हर ट्रांजैक्शन के लिए एक नया वॉलेट एड्रेस बनाया जाता। इससे रेगुलेटर्स के लिए फंड की ट्रेसिंग करना मुश्किल हो गया। अब इजराइल के रक्षा मंत्रालय ने इसका भंडाफोड़ किया और क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से आंतकवाद को बढ़ावा देने वाले इन अकाउंट्स को जब्त कर लिया है।
क्रिप्टो (Crypto) ट्रांजैक्शन ट्रेस नहीं किए जा सकते हैं और इस वजह से क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को अवैध कामों में आसानी से लाया जा सकता है। इन कार्यों में मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स से बचना, और आतंकवाद के लिए फंड जुटाना जैसे अवैध काम शामिल हैं। जिसके कारण विश्व भर में सरकारें अब क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चिंतित हैं और इसके रेगुलेशन के उपाय तलाशे जा रहे हैं। हाल ही में रूस का हमला झेल रहे यूक्रेन ने क्रिप्टोकरेंसी को देश में वैध घोषित कर दिया है। अब यूक्रेन में क्रिप्टोकरेंसी को लीगल ऐसेट का दर्जा दे दिया गया है।
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