रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिका के केप कैनावेरल स्थित नासा के केनेडी स्पेस सेंटर में यह प्रक्रिया भारतीय समय के मुताबिक, आज देर रात 2:30 बजे से शुरू होगी। इस दौरान 5.75 मिलियन टन वजनी और 32 मंजिला SLS-ओरियन स्पेसक्राफ्ट को स्थानांतरित किया जाएगा। इस दौरान मौसम के बेहतर रहने का अनुमान लगाया गया है। यह सिस्टम पिछले एक दशक से तैयार हो रहा है, जिसमें देरी की वजह से इसकी लागत बढ़ी है। हालांकि नासा को उम्मीद है कि एक बार इसे सफलतापूर्वक लॉन्च करने के बाद यह अपने डेवलपमेंट में हुई देरी को कवर कर लेगा।
नासा में आर्टिमिस के लॉन्च डायरेक्टर चार्ली ब्लैकवेल-थॉम्पसन इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि तैयारी पूरी है और हम गुरुवार को इस रोलआउट के लिए बढ़ने को तैयार हैं। रोलआउट सफल होने के बाद SLS-ओरियन शिप को ‘वेट ड्रेस रिहर्सल’ नाम के महत्वपूर्ण प्री-फ्लाइट टेस्ट के लिए तैयार किया जाएगा। यह 3 अप्रैल से शुरू होगा, जिसमें दो दिन लगेंगे।
इंजीनियरों ने सुपर-कूल्ड लिक्विड हाइड्रोजन और लिक्विड ऑक्सीजन प्रोपलैंट के साथ SLS कोर टैंक फ्यूल को पूरी तरह से लोड करने की योजना बनाई है। रॉकेट के चार R-25 इंजनों के जलने से कुछ सेकंड पहले उलटी गिनती भी की जाएगी।
इस रोलआउट से तय होगा कि नासा अपने आर्टिमिस 1 मिशन को कब लॉन्च करेगी। आर्टिमिस मिशन का मकसद इंसान को एक बार फिर चंद्रमा पर उतारना है। SLS पर काम साल 2010 में शुरू हुआ था, लेकिन टेक्निकल इशू के चलते इस प्रोजेक्ट में परेशानियां आईं। नासा का ‘आर्टेमिस I’ मिशन पिछले साल नवंबर में उड़ान भरने वाला था। लॉन्च से ठीक एक महीने पहले नासा ने कहा कि उसने टाइमलाइन को आगे बढ़ा दिया और मिशन को फरवरी के मध्य तक लॉन्च किया जाएगा। खास बात यह है कि मिशन फरवरी में भी लॉन्च नहीं हो पाया और इस तारीख को फिर से आगे बढ़ा दिया गया है।
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