नासा की योजना 9 अप्रैल को टेस्ट फिर से शुरू करने की थी। एजेंसी ने शनिवार को बताया कि अब यह टेस्ट यानी वेट ड्रेस रिहर्सल टेस्टिंग 12 अप्रैल और टैंकिंग के साथ 14 अप्रैल से शुरू होगी।
अपने बयान में नासा ने कहा है कि इन बदलावों से इंजीनियर्स को सफलता पाने में मदद मिलेगी। एजेंसी ने बताया है कि इंजीनियरों ने एक हीलियम चेक वॉल्व की पहचान की है, जो बेहतर तरीके से काम नहीं कर रहा है। फ्लाइट हार्डवेयर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह बदलाव करना पड़ा है। ध्यान रहे कि वेट ड्रेस रिहर्सल वह प्रक्रिया है, जिसमें लॉन्च की उलटी गिनती तक होने वाली सभी प्रक्रियाओं को परखा जाता है। यह देखा जा रहा है कि रॉकेट अपने मिशन पर लॉन्च होने के लिए तैयार है या नहीं।
आर्टेमिस 1 मून मिशन की वेट ड्रेस रिहर्सल योजना के अनुसार आगे बढ़ रही थी। इसी दौरान रिसर्चर्स को SLS रॉकेट के मोबाइल लॉन्चर प्लेटफॉर्म में परेशानी का पता चला। इससे रॉकेट में प्रोपलेंट लोड करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है।
अब वेट ड्रेस रिहर्सल के दौरान इस इशू को देखा जाएगा। गौरतलब है कि वेट ड्रेस रिहर्सल अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर में की जा रही है। एक बार मॉडिफाई टेस्ट पूरा होने के बाद इंजीनियर हीलियम चेक वॉल्व को फिर से परखेंगे और जरूरत पड़ने पर इसे बदल भी देंगे। मॉडिफाइड टेस्ट पूरा होने के बाद ही नासा, आर्टेमिस 1 को लॉन्च कर पाएगी। तब तक वह इस मिशन के लिए कोई तारीख तय नहीं करेगी। इस मिशन पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने से पहले नासा चंद्रमा पर एक मानव रहित ओरियन कैप्सूल भेजेगी। वैज्ञानिक इस आशा में हैं कि अगर कोई परेशानी नहीं आती है, तो आर्टेमिस 1 इस साल जून में उड़ान भर सकता है।
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