सियोल: भगवान शिव की तीसरी आंख के बारे में तो आपने सुना होगा लेकिन क्या हो जब इंसान को भी तीसरी आंख लगा दी जाए. हां ऐसा ही कुछ साउथ कोरिया (South Korea) के एक वैज्ञानिक (Scientist) ने कर दिखाया है. वैज्ञानिक ने एक ऐसा डिवाइस (Device) बनाया है जो इंसान की तीसरी आंख (Third Eye) की तरह काम करता है. तीसरी आंख के तौर पर जाना जाने वाला ये डिवाइस उन लोगों के लिए बहुत ही काम का है जो रास्ते में पैदल चलते वक्त भी अपनी नजरें मोबाइल स्क्रीन (Mobile Screen) पर लगाए रखते हैं.
इंसान की तीसरी आंख!
बता दें कि इस खास डिवाइस को बनाने वाले वैज्ञानिक का नाम Paeng Min Wook है. उन्होंने इस डिवाइस का नाम द थर्ड आई (The Third Eye) रखा है. दरअसल ये एक तरह की रोबोटिक आईबॉल (Robotic Eyeball) है. ये रोबोटिक आईबॉल किसी आंख की तरह काम करती है और रास्ते में पैदल चलते वक्त मोबाइल का इस्तेमाल करने वालों को सामने आने वाली चीजों से टकराने से बचाती है.
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कैसे काम करती है रोबोटिक आईबॉल?
जान लें कि रोबोटिक आईबॉल में एक सेंसर लगा है. इस डिवाइस को माथे पर लगाया जाता है. रास्ते में जैसे ही कोई चीज हमारे सामने आती है तो आईबॉल वाइब्रेट करती है और हमें संकेत देती है कि सामने कोई चीज है और हम रुक जाते हैं. वैज्ञानिक का दावा है कि माथे पर तीसरी आंख के रूप में रोबोटिक आईबॉल लगाकर हम दोनों आंखों से मोबाइल स्क्रीन को देखते हुए भी बिना किसी फ्रिक्र के सड़क पर चल सकते हैं.
किसके काम आ सकती है रोबोटिक आईबॉल?
वैज्ञानिक Paeng Min Wook ने कहा है कि आजकल हम मोबाइल पर कुछ ज्यादा ही बिजी रहते हैं. मोबाइल स्क्रीन से नजर हटाने का मन ही नहीं करता है. ऐसे में रोबोटिक आईबॉल हमारे काफी काम आ सकती है. आने वाले समय में इस डिवाइस और फीचर जोड़े जा सकते हैं.
(इनपुट- रॉयटर्स)