Thursday, December 9, 2021
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आपको है तनाव, तो किसके दर्शन से होंगे तनावमुक्त, जानें किस ग्रह के पूजन से आत्मविश्वास में होती


Stress Problem: आधुनिक समय में कोई भी व्यक्ति संतुष्ट नहीं है और यह असंतुष्टता ही समस्या की जड़ है. जिसे तनाव कहें तो गलत नहीं होगा. यदि उस बड़ी समस्या का जिक्र किया जाए जिससे विश्व के हर देश का मानव जूझ रहा है तो यकीनन वह होगा तनाव. ऐसा लगता है मानो ईश्वर के बाद तनाव ही सर्वव्याप्त है. जिसके पास सबकुछ है चाहे वह धन से संबंधित हो, विवाह से संबंधित हो, संतान से संबंधित हो, खोना हो, पाना हो. तनाव एक छाया की तरह पूरी मानव जाति को निगलता जा रहा है.

यदि तनाव को परिभाषित करने का प्रयास करें तो जो चलचित्र मानसिक रूप से मन में चलता है, जब मनुष्य अपने आस-पास के वातावरण से तारतम्य नहीं बैठा पाता तब तनावग्रस्त होता है. इसे कैसे दूर किया जा सकता है, जानते हैं

चंद्र दर्शन : तनाव हमारे मन से शुरू होता है या यूं कहें कि इसका जन्मस्थान हमारा मन ही होता है और मन का संबंध सीधा चंद्रमा से है. जन्मपत्रिका में जब चंद्रमा पर पाप ग्रहों का प्रभाव होता है तभी मन की शक्ति प्रतिकूल रूप से प्रभावित होती है. तब हमारे मन में आने वाले विचार शत प्रतिशत शुद्ध नहीं होते. ऐसी स्थिति में व्यक्ति परिस्थितियों से घबरा जाता है. जो नहीं है, उसकी भी कल्पना करके खुद को ही प्रताड़ित करता है. यदि ऐसी स्थिति आपके साथ हो तो चंद्रमा को प्रणाम करना लाभदायक होता है. चन्द्रोदय के पश्चात् कुछ समय के लिए एकांत में बैठकर चंद्रमा को देखना चाहिए. जहां आपके और चंद्र देव के सिवा कोई तीसरा न हो और उनसे प्रार्थना करनी चाहिए कि जिसके कारण मन व्याकुल है, वह उसकी पूर्ति करें और मन को मजबूती और स्थिरता प्रदान करें. ऐसा नियमित रूप से करना मन से जुड़े कारकों के सुधार में मदद करता है और हमारी सोच को शुद्धता प्रदान करते हुए सुख की अनुभूति कराता है.

सूर्य नमस्कार : तनाव पर विजय पाने के लिए दूसरा आवश्यक  तत्व है आत्म- विश्वास. जहां आत्मा के कारक सूर्य हैं जो हमें आत्मविश्वास प्रदान करते हैं. जिससे व्यक्ति के भीतर हर परिस्थिति का सामना करने की शक्ति उत्पन्न होती है. एकमात्र इस विश्वास से ही तनाव रूपी महादानव का समूल अंत संभव है. यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर है तो ऐसी स्थिति व्यक्ति के आत्म-विश्वास स्थिर नहीं रहने देता, हीन-भावना उसे घेर लेती है और धीरे-धीरे वह तनावग्रस्त हो जाता है. सूर्य का आर्शीवाद पाने के लिए नमस्कार सर्वाधिक कारगर उपाय है इससे सुदृढ़ व्यक्तित्व प्राप्त किया जा सकता है. जो व्यक्ति नियमित रूप से सूर्यदेव को नमस्कार करते हैं उन्हे रोजगार और सरकार संबंधी कार्यक्षेत्रों में अच्छे परिणाम मिलते हैं और निरोगी काया भी मिलती है. एक ओर जीवन की समस्याओं से जूझने की शक्ति बढ़ती है तो दूसरी ओर समस्याओं की तीव्रता में कमी आती है . 

गायत्री मंत्र: इस मंत्र का संबंध सूर्य से है. सूर्य देव का आर्शीवाद जल्द प्राप्त करने के लिए यदि नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप किया जाए तो चित्त को बल प्राप्त होता है और व्यक्ति कठिन समय में विचलित नहीं होता. कहने का तात्पर्य है कि मजबूत व्यक्तित्व के निर्माण में गायत्री मंत्र अत्यंत लाभदायक होता है. गायत्री मंत्र आत्मा की शुद्धि करता है, व्यक्ति में निष्पक्ष रूप से स्वयं को समझने की क्षमता में वृद्धि होती है. ये वो गुण हैं जो किसी भी समस्या से लड़ने की और परिस्थितियों को अपने पक्ष में करने की ताकत देते हैं.

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