नई दिल्ली. पिछले एक महीने से इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. हाल ही में हैदराबाद के पास निजामाबाद में प्योर ईवी स्कूटर में आग लगने घटना हुई. इसमें 80 साल के बुजुर्ग की जलने से मौत हो गई, जबकि परिवार के तीन अन्य सदस्य जख्मी हो गए. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने भी इन घटनाओं की जांच को लेकर एक एक्सपर्ट कमिटी के गठन किया है. इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में सेफ्टी को लेकर फिर से सवाल उठने लगे हैं.
आज हम जानते हैं कि इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लगने की ये घटनाएं क्यों हो रही हैं? क्या सच में लिथियम-आयन बैटरी से खतरा होता है? ऐसी कौन सी परिस्थितियां हैं, जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल्स आग पकड़ रहे हैं? तो आइए जानते हैं पूरा मामला.
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पहले जानते हैं स्कूटरों में लगने वाली लिथियम-आयन बैटरी के बारे में
स्कूटरों और अन्य इलेक्ट्रिक व्हीकलों में आमतौर पर लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है. लिथियम-आयन बैट्रीज को एनर्जी स्टोरेज करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है. हम हर दिन लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल करते हैं, चाहे वह हमारा मोबाइल फोन हो या दूसरा इलेक्ट्रॉनिक सामान, सभी में लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल होता है. यह प्रति घंटा 150 वॉट एनर्जी स्टोर कर सकती है. वहीं लीड-एसिट बैटरी करीब 25 वॉट प्रति घंटा एनर्जी स्टोर करती है और निकेल हाइड्राइड बैटरी प्रति घंटा 100 वॉट एनर्जी स्टोर कर सकती है. इन दोनों के मुकाबले लिथियम-आयन बैट्रीज की स्टोरेज क्षमता ज्यादा है.
कब लगती है आग?
लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने की कई वजहें हो सकती हैं. इनमें मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट, एक्सटर्नल डैमेज या खराब सॉफ्टवेयर शामिल हैं. खराब हो चुके या डमैज सेल में बहुत ज्यादा हीट पैदा हो सकती है. इसे ‘थर्मल रनवे’ कहा जाता है. इसमें एक सेल में पैदा हुई हीट दूसरे सेल में पहुंच जाती है. इससे एक चेन रिएक्शन बन जाता है, जिसके चलते उसमें आग लग जाती है.
कैसे इस्तेमाल करें यह बैट्री?
लिथियम-आयन बैट्री में कई सेफ्टी फंक्शन होते है. सबसे अहम बात इसके टेंपरेचर को मेंटेन करना. आपको सेल टेंपरेचर को मेंटेन करने के साथ ही करेंट्स और वॉल्टेज को भी मेंटेन करना पड़ता है. सभी लिथियम-आयन सेल में एक सेपरेटर होता है, जो कोर टेंपरेचर बहुत ज्यादा होने पर पिघल सकता है. इससे आयन का मूवमेंट बंद हो जाता है. बैटरी सिस्टम से जुड़ी दूसरा अहम जरूरत उसकी वेंटिलेशन की है. एक प्रेशर-सेंसिटिव वेंट बैट्री की दूसरे सेल्स को आग पकड़ने से रोक सकता है.
आग रोकने के उपाय?
- हमें बैट्री को ओवरचार्ज करने से बचना होगा.
- बैट्री को सीधे धूप में भी नहीं रखना चाहिए.
- पोर्टेबल बैट्री है तो आप इसे सोते वक्त बिल्कुल चार्ज नहीं करें.
एक महीने पहले सामने आया था पहला मामला
इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने का पहला मामला 26 मार्च को सामने आया था, जब पुणे में एक ओला ए1 प्रो इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लग गई थी. इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हुआ था. इसी 26 मार्च की शाम तमिलनाडु के वेल्लोर में ओकिनावा इलेक्ट्रिक स्कूटर में आगने की घटना सामने आई. इसके दो दिन बाद 30 मार्च को चेन्नई में प्योर ईवी के एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की घटना सामने आई थी. नासिक में 11 अप्रैल को ट्रक में भरे स्कूटरों में आग लग गई थी.
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