नई दिल्ली: साइंटिस्टों ने आकाशगंगा के केंद्र में सैकडों रहस्यमयी तारों की खोज की है. इन तारों की खोज दक्षिण अफ्रीकी रेडियो खगोल विज्ञान वेधशाला (साराओ) द्वारा मीरकैट टेलीस्कोप के माध्यम से की गई है.
13.8 अरब साल पहले ब्रह्मांड की शुरुआत
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 13.8 अरब साल पहले ब्रह्मांड की शुरुआत करने वाले बिग बैंग विस्फोट के तुरंत बाद आकाशगंगा का निर्माण शुरू हुआ था.
रहस्यमय इमेज को देखने में काफी समय बिताया
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, रोड्स विश्वविद्यालय और साराओ के प्रमुख लेखक डॉ. इयान हेवुड कहते हैं, “मैंने इस पर काम करने की प्रक्रिया में इस इमेज को देखने में बहुत समय बिताया है और मैं इसके अध्ययन से कभी नहीं थकता.”
शानदार टेलीस्कोप की वजह से कैप्चर हुई इमेज
इयान ने आगे बताया, “जब मैं इस छवि को ऐसे लोगों को दिखाता हूं जो रेडियो खगोल विज्ञान के लिए नए हो सकते हैं या इससे अपरिचित हैं तो मैं हमेशा इस बात पर जोर देने की कोशिश करता हूं कि रेडियो इमेजिंग हमेशा से ऐसा नहीं रहा है. मीरकैट में बहुत आगे देखने की क्षमताएं हैं. इस शानदार टेलीस्कोप को बनाने वाले SARAO के सहयोगियों के साथ वर्षों से काम करना एक सच्चे सौभाग्य की बात है.”
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सुपरनोवा के अवशेष हैं ये रहस्यमय तारे
दरअसल, नवीनतम इमेज नए सुपरनोवा अवशेषों को प्रकट करती है. जब बड़े सितारे विस्फोटक रूप से अपना जीवन समाप्त करते हैं, उसके मटेरियल के गोले पीछे छूट जाते हैं जिसमें दुर्लभ लगभग पूर्ण गोलाकार उदाहरण शामिल हैं. खगोलविदों को रहस्यमय ‘रेडियो फिलामेंट्स’ वाले यही तारे पहली बार देखने को मिले हैं.
खगोलविदों की अंतरराष्ट्रीय टीम के निष्कर्ष ‘द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल’ में प्रकाशित किए गए हैं. बता दें कि आकाशगंगा, सर्पिल के आकार की एक केंद्रीय पट्टी जैसी संरचना के साथ सितारों से बनी है जिसमें सूर्य सहित 100 से 400 अरब सितारे शामिल हैं जो लगभग 4.5 अरब साल पहले बने थे.
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