Health benefits of gulkand : गुलकंद केवल स्वाद में ही जबरदस्त नहीं होता, बल्कि इसके औषधिय गुण भी हैं। अल्सर से लेकर कब्ज और खून की कमी जैसी कई दिक्कतों में गुलकंद खाना लाभाकारी होता है। प्रेग्नेंसी और गर्मी में इसे खाना अमृत समान होता है।
Published: April 10, 2022 02:29:59 pm
गुलकंद गुलाब की पंखुड़ियों और चीनी बनी वो होम रेमेडी है, जो कई बीमारियों से लड़ने में मददगार होता है। पेट को ठंकड प्रदान करने के कारण गुलकंद का प्रयोग गर्मियों में बेहद उपयोगी माना गया है। इससे डायजेशन से जुड़ी समस्याएं भी दूर होती हैं। तो चलिए जानें कि, गुलकंद के फायदे क्या-क्या हैं और इसे कब और कैस खाना चाहिए।
Health benefits of gulkand
गुलकंद के पोषक तत्व- Nutrients of Gulkand
गुलकंद घर पर आप खुद बना सकते हैं। गुलकंद विटामिन्स ए, सी, और बी से भरा होता है। इसमें बहुत मात्रा में एन्टीऑक्सीडेंट होता है जो इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार होता है। ये एक अच्छा एन्टीबैक्टिरीयल भी होता है।
गुलकंद से मिलने वाले शरीर को लाभ- Benefits to the body from Gulkand गुलकंद थकान, दर्द, मांसपेशियों में दर्द और पेट की गर्मी जैसी हेल्थ प्रॉब्लम्स को दूर करने में बहुत प्रभावी माना जाता है। साथ ही इसे गर्मी में खाने से पेट को ठंडक मिलती है। वहीं ये हथेली और तलवों की जलन को शांत करने वाला भी माना जाता है।
- अगर आपके मुंह में बार-बार छाले बनते हैं तो आपके लिए गुलकंद बहुत फायदेमंद होगा। ये पेट की गर्मी को शांत करता है और पाचन प्रक्रिया को सुधार करता है। इससे मुंह के छाले बनने बंद हो जाते हैं।
- गुलकंद आयरन से भरपूर होता है और इसलिए एनिमिया के रोगियों में ये बहुत काम आता है। वहीं, पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतों को भी ये दूर करता है। ऐंठन या हैवी फ्लो जैसे समस्या दूर होती है।
- बवासीर यानी पाइल्स की समस्या में गुलकंद बहुत कारगर है। इसमें मौजूद रफेद कब्ज को दूर कर आंत से जुड़ी समस्या को भी सही करता है।
- एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर गुलकंद बॉडी की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ इंफेक्शन आदि से लड़ने के लिए मजबूत बनाता है। बॉडी डिटॉक्स करने में भी ये मददगार है।
- नकसीर यानी गर्मियों में नाक से खून आने की समस्या को भी गुलकंद दूर करने में मदद करता है।
- पसीनों की बदबू या अत्यधिक पसीना रोकने में भी गुलकंद कारगर है। गुलकंद की ठंडक का असर शरीर को मिलता है इससे पसीना अधिक आना भी रुकता है।
- प्रेग्नेंसी में गैस, एसिडीटी, कब्ज या पाचन से जुड़ी दिक्कते बहुत होती हैं, ऐसे में गुलकंद खाना बहुत फज्ञयदा देता है।
कब और कैसे खाएं गुलकंद-When and how to eat Gulkand
गुलकंद को सुबह और शाम के नाश्ते में खाया जा सकता है। अगर कब्ज की समस्या हैं, तो रात को सोने से पहले इसका सेवन कर सकते हैं।
कितना खाएं : दिनभर में एक से दो बार, 1-2 चम्मच गुलकंद को खाया जा सकता है। आइए, अब जानते हैं कि
जानिए, गुलकंद बनाने का आसान सा तरीका- easy way to make Gulkand
गुलकंद बनाने के लिए आपको फ्रेश गुलाबों की पत्तियां चाहिए होती हैं। सबसे पहले आपको गुलाब के फूल की पंखुड़ियों को इकट्ठा करके साफ करना है। अब चीनी या मिश्री बराबर मात्रा में लें। सब कुछ एक जार में डाल दें। जार कांच का होना चाहिए ताकि धूप में रखने पर यह अच्छी तरह सूख सके। इस जार को 12-15 दिनों के लिए धूप में रख दें। गुलाब की पंखुड़ी की एक लेयर चीनी या मिश्री की लेयर के नीचे होनी चाहिए। आप इसमें इलायची भी एड कर सकते हैं।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
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