नई दिल्ली: सड़कों के निर्माण में भारत नित-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. भारत में अब प्रतिदिन 38 किलोमीटर की दर से सड़कों का निर्माण किया जा रहा है जो एक रिकॉर्ड है. कहीं स्टील की सड़कें तो कहीं प्लास्टिक कचरे से रास्ते तैयार हो रहे हैं. सड़क निर्माण में तमाम बड़ी-बड़ी कंपनियां पैसा लगा रही हैं. लेकिन अब इस कड़ी में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ने जा रही है.
अब भारत की सड़कों में गरीब आदमी का पैसा लगेगा. सरकार की प्लानिंग है कि किसान, चपरासी, चौकीदार, सरकारी कर्मचारी, अधिकारी से लेकर समाज के तमाम वर्ग का पैसा सड़क निर्माण में लगाया जाएगा.
लोकसभा में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने इस बात की घोषणा की. उन्होंने कहा कि दिसंबर 2024 से पहले भारत का सड़क ढांचा अमेरिका जैसा होगा. उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण से देश के विकास की गति बहुत तेज हुई है. समाज के हर वर्ग का जीवन सुगम हुआ है.
लोकसभा में वर्ष 2022-23 के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि अब दिल्ली से मेरठ जाने में सिर्फ 40 मिनट लगते हैं जबकि पहले चार घंटे लगते थे. उन्होंने कहा कि हमारा मकसद निर्माण की लागत को कम करना है और गुणवत्ता को बेहतर बनाना है.
गरीबों के पैसों से सड़कें
नितिन गडकरी ने कहा कि वह एक प्रोजेक्ट इनविट यानी इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (Infrastructure Investment Trusts- InvITs) पर काम कर रहे हैं जिसमें गरीबों के पैसों का इस्तेमाल होगा और इसके बदले उन्हें अच्छा ब्याज दिया जाएगा. यह एक निवेश होगा.
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उन्होंने सदन को बताया, ”अब मुझे सड़कें बनानी हैं. आज जो मॉडल हैं उसमें 1000 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट होगा. हम लोगों के पास जाएंगे. हम सरकारी कर्मचारी, चपरासी, सुरक्षाकर्मी, गरीब आदमी, पेंशनभेगी, किसान समेत समाज के हर वर्ग के पास जाएंगे. मैं उनको कहूंगा कि एनएचएआई के बॉण्ड (NHAI Bond) में पैसे डालो, कम से कम 7 परसेंट रिटर्न मैं आपको दूंगा. यह पैसा हर महीने आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा. बैंकों से करीब तीन गुना रिटर्न है. इसलिए हमें अब गरीब लोगों का पैसा देश की सड़कों के निर्माण में लेना चाहिए. इसके लिए सेबी (SEBI) की अनुमति लेनी है और सेबी की मंजूरी के बाद गरीब लोगों के पैसों से सड़कें बनेंगी.”
Infrastructure Investment Trusts (InvITs) awaiting SEBI approval will enable small depositors like farmers, senior citizens, retired government officials etc to invest their savings in infrastructure projects steered by government.: Union Minister Shri @nitin_gadkari ji pic.twitter.com/wBJv4wCpg1
— Office Of Nitin Gadkari (@OfficeOfNG) March 23, 2022
पैसे की कमी नहीं
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गरीबों का पैसा इस्तेमाल करने का मतलब यह नहीं है कि उनके पास पैसों की कमी है. उन्होंने कहा, ”हमारे पास पैसों की कोई कमी नहीं है. आप जितने रास्ते मांगों मैं सब दूंगा. पैसा मार्केट से खड़ा होगा. तमाम बैंक कहते हैं कि मेरा पैसा लो, मेरा पैसा लो. पैसे की कोई कमी नहीं है.”
उन्होंने कहा कि गरीबों का पैसा लेने के पीछे मकसद उनकी इनकम में इजाफा करना है.
60 किमी के दायरे में केवल एक टोल प्लाजा
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सदन में कहा कि नेशनल हाईवे पर हर 60 किलोमीटर के दायरे में केवल एक ही टोल प्लाजा होगा. जहां भी एक से अधिक सभी टोल नाके हैं उनको हटा दिया जाएगा. यह काम 3 महीने के भीतर पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि 60 किलोमीटर के दायरे में एक से अधिक टोल नाका होना गैर कानूनी है.
We will come out with a new policy to replace toll plazas in the country with a GPS-based tracking toll system. It means that toll collection will happen via GPS. The money will be collected based on GPS imaging (on vehicles).: Union Minister Shri @nitin_gadkari ji pic.twitter.com/iHEfOqSlMc
— Office Of Nitin Gadkari (@OfficeOfNG) March 23, 2022
जीपीएस से कटेगा टोल
नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार एक ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रही है जिसमें जीपीएस के माध्यम से ही टोल टैक्स कट जाएगा. सड़कों पर टोल नाकों की जरूरत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि गाड़ी में लगे जीपीएस सिस्टम पर रिकॉर्ड होगा कि गाड़ी ने राजमार्ग पर कहां से प्रवेश किया और कहां निकासी. इतनी दूरी के टोल का पैसा खुद-ब-खुद बैंक अकाउंट से कट जाएगा.
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