नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने पृथ्वी और एक एक्सोप्लैनेट ग्रह WASP-189b के बीच एक दिलचस्प समानता की पहचान की है. खगोलविदों ने 4,400 से अधिक एक्सोप्लैनेट की खोज की है जिसमें कुछ बृहस्पति के समान बड़े गैस के ग्रह रहे हैं.
ओजोन परत के मिले सबूत
हमारी सहयोगी वेबसाइट WION की रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी पर सबसे निचली परत समुद्र तल से उच्चतम पर्वत चोटियों से परे फैली हुई है. उदाहरण के लिए, क्षोभमंडल में अधिकांश जल वाष्प होता है और इस प्रकार वह परत होती है जिसमें अधिकांश मौसम की घटनाएं होती हैं. इसके ऊपर की परत समताप मंडल होती है जिसमें ओजोन परत होती है जो हमें सूर्य के हानिकारक पराबैंगनी विकिरण से बचाती है. शोध से पहली बार पता चलता है कि ज्ञात ग्रहों में से एक के वातावरण में भी समान रूप से अलग-अलग परतें हो सकती हैं. हालांकि बहुत अलग विशेषताओं के साथ.
दिन का तापमान 3200 डिग्री सेल्सियस
बर्न विश्वविद्यालय और जिनेवा विश्वविद्यालय के साथ-साथ नेशनल सेंटर ऑफ कॉम्पीटेंस इन रिसर्च (एनसीसीआर) के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन को नेचर एस्ट्रोनॉमी पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.
रिसर्च के अनुसार, WASP-189b हमारे अपने सौर मंडल के बाहर का एक ग्रह है जो पृथ्वी से 322 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है. पृथ्वी की तुलना में यह ग्रह अपने तारे के 20 गुना अधिक करीब है और इसका दिन का तापमान 3200 डिग्री सेल्सियस है.
ग्रह के वायुमंडल से गुजरने वाले प्रकाश को मापा
रिसर्च के प्रमुख लेखक और लुंड विश्वविद्यालय में डॉक्टरेट के छात्र बिबियाना प्रिनोथ बताते हैं, “हमने ग्रह के तारे से आने वाले और ग्रह के वायुमंडल से गुजरने वाले प्रकाश को मापा. इसके वातावरण में गैसें कुछ तारों के प्रकाश को अवशोषित करती हैं, जैसे ओजोन पृथ्वी के वायुमंडल में कुछ सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करती है, और इस तरह अपनी विशेषता बताती हैं. HARPS की मदद से हम संबंधित पदार्थों की पहचान करने में सक्षम थे.”
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एक विशेष रूप से दिलचस्प पदार्थ जो टीम को मिला वह टाइटेनियम युक्त गैस है जिसका नाम है टाइटेनियम ऑक्साइड जबकि टाइटेनियम ऑक्साइड पृथ्वी पर बहुत दुर्लभ है. यह WASP-189b के वातावरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है जो पृथ्वी के वायुमंडल में ओजोन के समान है.
पृथ्वी की तरह मौजूद है ओजोन परत
बर्न विश्वविद्यालय में खगोल भौतिकी के प्रोफेसर और एक सदस्य सह-लेखक केविन हेंग बताते हैं, “टाइटेनियम ऑक्साइड लघु तरंग विकिरण जैसे पराबैंगनी विकिरण को अवशोषित करता है इसलिए इसका पता लगाना WASP-189b के वातावरण में एक परत का संकेत दे सकता है जो स्टार रेडियेशन के साथ उसी तरह से इंटरैक्ट करता है जैसे ओजोन परत पृथ्वी पर करती है.”
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