जानकारी के मुताबिक, एलेक्सा का इस्तेमाल नासा के ओरियन (Orion) स्पेसक्राफ्ट में किया जाएगा। यह रियलटाइम टेलीमेट्री डेटा को एक्सेस करके मिशन से जुड़े सवालों का जवाब देने में सक्षम होगा। उदाहरण के लिए- ‘एलेक्सा, ओरियन कितनी तेजी से यात्रा कर रहा है?’ ऐसे सवालों के जवाब यह वॉइस असिस्टेंट देगा। यही नहीं, स्पेसक्राफ्ट के अंदर एलेक्सा तमाम काम पूरे करेगा। केबिन लाइटिंग से लेकर यह बाकी कनेक्टेड डिवाइसेज को भी कंट्रोल करेगा और रिक्वेस्ट करने पर उनसे जुड़े कामों को पूरा करेगा। नासा के डीप स्पेस नेटवर्क का इस्तेमाल करके एलेक्सा पृथ्वी से सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त कर सकता है।
‘आर्टेमिस 1′ एक मानवरहित मिशन होगा। इसका हिस्सा बनने जा रहे एलेक्सा को लॉकहीड मार्टिन और सिस्को के साथ मिलकर डेवलप किया गया है। एलेक्सा के आर्टिमिस 1 मिशन का हिस्सा बनने से सिर्फ साइंटिस्ट को ही फायदा नहीं होगा। एलेक्सा को सपोर्ट करने वालीं डिवाइसेज के यूजर्स भी मिशन से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकेंगे।
पिछले महीने ही नासा ने आर्टेमिस 1 के तय लॉन्च को एक महीने आगे बढ़ा दिया था। स्पेस एजेंसी ने 12 फरवरी 2022 को मिशन लॉन्च करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन इंटीग्रेटेड टेस्टिंग प्रोग्राम में समस्या ने नासा को शेड्यूल में देरी करने के लिए मजबूर किया। नासा अब मार्च और अप्रैल में मिशन लॉन्च करने की संभावना देख रही है। आर्टेमिस प्रोग्राम का मकसद इस दशक के अंत तक अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर वापस उतारना है।
इस मिशन में देरी इसलिए हुई है, क्योंकि नासा के इंजीनियरों को इंजन के फ्लाइट कंट्रोलर्स में से एक में समस्या का पता लगा। इंजीनियरों ने समस्या को खत्म करने की काफी कोशिश की, लेकिन आखिरकार इंजन कंट्रोलर को बदलने का फैसला किया गया। नासा ने कहा है कि वह मार्च और अप्रैल में इस मिशन को लॉन्च करने की संभावनाएं टटोल रही है। इसके साथ ही इंजन कंट्रोलर को बदलने पर भी काम चल रहा है।
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